Moradabad, Manoj Kashyap: मुरादाबाद जिला अस्पताल में भर्ती बंदी शौचालय का शीशा तोड़कर फरार हो गया। जबकि उसकी सुरक्षा में तैनात बंदी रक्षक बाहर उसका इंतजार करते ही रह गए। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने लापरवाही के आरोप में दोनों बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया।
जिला अस्पताल में भर्ती बंदी अजीत कुमार को पांच मार्च को तमंचा बरामद होने पर पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत जेल भेजा था। 19 मार्च को सीने में दर्द की शिकायत पर कारागार प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने उसे अस्पताल के दूसरे फ्लोर पर स्थित संचारी वार्ड में शिफ्ट किया था। गुरुवार सुबह बंदी अजीत जेल के पुलिसकर्मियों से बाथरूम जाने की बात कहकर बेड से उठकर शौचालय में गया था। इसके बाद उसने शौचालय के रोशनदान में लगे शीशे को अंदर से तोड़ दिया और उसमें से कूदकर फरार हो गया। जबकि बंदी रक्षक शौचालय के बाहर उसका इंतजार ही करते रह गए।
बाद में उन्होंने शौचालय के अंदर जाकर देखा तो बंदी के न होने पर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पहले तो बंदी रक्षकों ने खुद से ही अस्पताल में दौड़भाग कर तलाश की। जब वह नहीं मिला तो जेल प्रशासन को घटना की जानकारी दी। फिर सूचना पाकर सिविल लाइंस थाने से सीओ अर्पित कपूर, थानाध्यक्ष राम प्रसाद शर्मा पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। थानाध्यक्ष ने बताया कि फरार बंदी की तलाश हो रही है। बंदी की सुरक्षा में तैनात दो बंदी रक्षकों को वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है। इनके विरुद्ध विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। साथ ही सिविल लाइंस थाने में फरार बंदी के विरुद्ध मामला भी दर्ज कराया गया है। फरार बंदी अजीत संभल जिले थाना जुनावई क्षेत्र के गांव रेवाड़ा का निवासी है।