Moradabad News: एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल में 80 वर्षीय शीला देवी जो कि अमरोहा निवासी हैं। पिछले करीब एक साल से उन्हें खाने-पीने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। जहां उन्हें बार-बार उल्टी होना वहीं इसी वजह से उनके करीब 15 किलो वजन कम हो जाना का आदि कई बीमारियों से वे परेशान चली आ रही थी।
कई बड़े शहर जैसे दिल्ली गाजियाबाद आदि अस्पतालों में अपना इलाज करा चुकी थीं लेकिन इनको कोई फायदा नहीं मिला। आखिरकार वह मुरादाबाद एशियन विवेकानंद अस्पताल में पहुंचीं जहां डॉ. सुदीप चक्रवर्ती बेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट पेट आल एवं लिबर रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने के लिए आईं ।बताया जा रहा है कि डॉ सुदीप चक्रवर्ती ने बेरियम shellow जांच के द्वारा देखा कि मरीज के फूड पाइप और पेट का जंक्शन बंद है। इसी वजह से महिला जो भी खाना खाती है वह नीचे नहीं जा पाता है और बार-बार उल्टी होती रहती है इस बीमारी को एकेलेसिआ काडीया कहते हैं। इस बीमारी में निगलने वाली नली से भोजन और तरल पदार्थ पेट में जाना मुश्किल हो जाता है। एकेलेसिआ काडीया या अचलसिया कार्डिग्गा तब होता है जब अन्नप्रणाली में तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो जाती है।
नतीजतन, धेधा (गलागंड) लकवाग्रस्त हो जाता है और समय के साथ फैल जाता है और अंततः भोजन को पेट में नीचे भेजने की क्षमता खो देता है।जिसके परिणामस्वरूप भोजन फिर अन्नप्रणाली में इकट्ठा हो जाता है। कभी -कभी किण्वन और वापस मुंह में आता है जिस कारण कड़वा स्वाद आ सकता है। डॉ. सुदीप चक्रवर्ती ने मरीज एवं परिजनों को सलाह दी कि वह अत्याधुनिक तकनीक एवं बिना चीरे POEM एक एंडोस्कोप का उपयोग करता है।
एक कैमरा के साथ एक संकीर्ण लचीली ट्यूब – जिसे मुंह (पेरोरल) के माध्यम से एसोफैगस (मायोटॉमी) में मांसपेशियों को काटने के लिए डाला जाता है। मांसपेशियों को काटने से वे ढीली हो जाती हैं और उन्हें कसने और निगलने में बाधा डालने से रोकती है।पहले इसके इलाज के लिए ऑपरेशन द्वारा फूड पाइप और पेट के जंक्शन को काटकर जोड़ देते थे। जिसमें काफी टाइम और पैसा भी खर्च होता था लेकिन, डॉक्टर सुदीप चक्रवर्ती ने एंडोस्कोपिक म्योटोमी के द्वारा महिला का इलाज किया ।
POEM के माध्यम द्वारा सफल इलाज के लिए एशियन विवेकानंद अस्पताल मुरादाबाद के मेडिकल डायरेक्टर डॉ प्रशांत पांडे, रीजनल डायरेक्टर डॉक्टर हिलाल अहमद ने डॉ सुदीप चक्रवर्ती गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट एवं टीम को शुभकामनाएं दी।
सेंटर हेड शोएब मलिक ने आभार व्यक्त किया। साथ ही यह भी बताया कि अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉक्टर सुदीप चक्रवर्ती द्वारा POEM के अतिरिक्त ड्योडनल स्टंटिंग, पाइलोरिक स्टेटेग के द्वारा भी इलाज किया जा रहा है जो कि मुरादाबाद एवं आसपास के जिलों में केवल एशियन विवेकानंद अस्पताल में ही किया जाता है एवं भविष्य में भी इसी प्रकार नई-नई तकनीक से मरीजों का इलाज किया जाता रहेगा। यह भी बताया कि जल्द ही एशियन विवेकानंद अस्पताल में एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड की सुविधा जो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड क्षेत्र में पहली बार शुरू की जाएगी ।