Moradabad, Manoj Kashyap: मुरादाबाद में शनिवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत महानगर में लगभग 539 जोड़ो के विवाह संपन्न कराये गए। जिसमे हिन्दू समाज के 256 वर वधु और 283 मुस्लिम समाज के वर वधु विवाह बंधन में बंधे।
सामूहिक विवाह में एक बड़ा ही विचित्र दृश्य देखने को मिला। ब्लॉक था छजलैट जिसमें वर और वधु शादी के लिए पंडाल में बैठे थे। पंडित जी मंत्रोच्चारण कर रहे थे जैसे ही पंडित जी ने माइक से वधु की मांग में सिंदूर भरने की बात कही तो युवक ने युवती की मांग में सिंदूर भरा। लेकिन, गौर करने वाली बात ये रही कि जैसे ही युवक ने मांग में सिंदूर लगाया वैसे ही युवती ने मांग में भरा सिंदूर कपड़े से पोंछ दिया और बैठ गयी। क्योंकि ये अचानक हुआ तो इसे इग्नोर कर दिया गया लेकिन, जब अन्य वर और वधु को देखा गया तो अधिकतर युवतियों की मांग में सिंदूर ही नही था। पंडित जी ने जब कहकर मांग में सिंदूर लगवाया तो उसे फिर हटा दिया गया।
अब ऐसे में मांग में बिना सिंदूर भरे शादी का कोई महत्व नहीं होता। उस वक्त लगा कि ये दोनों शादी ही नही करना चाहते होंगे लेकिन, उसके बाद जो अन्य कुछ जोड़ो को देखा गया तो हाल उनका भी यही था और सभी एक दूसरे से अपनी आंखें बचाते नज़र आये। किसी ने मांग में सिंदूर भरने के बजाय माथे पर तिलक कर दिया तो किसी ने अपनी मांग का सिंदूर ही हटा दिया। जब इस बारे में विवाह सम्पन्न करा रहे पंडित जी से पूछा गया तो उन्होंने कई और चौकाने वाली बात सामने रख दीं।उनका कहना था कि फेरे भी जबरदस्ती दिलवाए गए हैं क्योंकि कहने के बावजूद भी पंडाल में मौजूद कुछ वर वधु फेरे लेने को तैयार नही थे। हालांकि जब इस मामले पर जिला समाज कल्याण अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि पूरी जांच करके ही युवक और युवतियों को यहां लाया गया है और उनकी शादी हो रही है।
सनातन में परंपरा है कि बिना सिंदूर की शादी का कोई महत्व नहीं रह जाता है लेकिन, जब ये युवतियां पंडाल में ही बैठकर सिंदूर को हटाने में लगीं हो तो इनकी शादी कितने घण्टे टिकी है। इसका सहज ही अंदाजा भी लगाया जा सकता है। पत्रकारिता की भाषा मे कहें तो सिर्फ लाभ के लिए शादी में जोड़ो को बिठाया गया और लाभ लेकर रफूचक्कर होते बने। मुरादाबाद के जिला अधिकारी यदि इस मामले में गोपनीय जांच करा लें तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जायेगा और हकीकत भी सामने आ जायेगी।