Moradabad Fire: उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद में आभूषण बनाने वाले प्रकाश रस्तोगी के तीन मंजिला घर में आग लग गई। इस बीच परिवार के लोग सोए हुए थे। लेकिन उनका बीमार पोता नीरव दुर्गंध आने पर जग गया। उसने कमरे में आग देख परिजनों को जगाया। आग से घर का सारा सामान जल गया। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुची अग्निशमन विभाग की टीम ने आग की लपटों में घिरे 12 लोगों को रेस्क्यू किया।
बताया गया कि प्रकाश के घर के पास बिजली खंभे पर तार में शॉर्ट सर्किट होने से चिंगारी दूसरी मंजिल गिर गई। जिससे बेटे नीरव के कमरे में आग लग गई थी। यहां से आग भड़की और पूरे घर में फैल गई। तीसरी मंजिल तक लपटें जाने से स्टोर में रखा सामान जल गया। इस दौरान बिजली आपूर्ति गुल थी।
अंधेरे में पांच अग्निशमन वाहन से टीम को आग बुझाने में साढ़े तीन घंटे का समय लग गया। सुबह छह बजे आग बुझ पाई। प्रकाश के बेटे नितुज रस्तोगी ने बताया कि वह पिता, पत्नी व बच्चों संग दूसरी मंजिल पर सो रहे थे। आग लगने के बाद भूतल पर आने का रास्ता नहीं बचा था। किसी तरह तीसरी मंजिल पर पहुंचे और वहां रखी सीढ़ी लगाकर घर के पीछे जैन मंदिर के पास उतरे तो जान बची। नितुज ने बताया, उनके घर के पास वाला खंभा अब हटाया गया है। कनेक्शन वाले तार जैन मंदिर के पास वाले खंभे से शिफ्ट किए गए हैं।
घर में सोए थे परिवार के 13 लोग
नितुज ने बताया कि घटना के दौरान उनका छोटा भाई हिमांशु रस्तोगी और पत्नी व दोनों बच्चे भूतल के कमरों में सोए थे। दूसरी मंजिल पर नौ लोग सो रहे थे। इसमें नितुज अपनी पत्नी कामाक्षी व बेटा नीरव, बेटी आद्या और बड़े भाई अनुज व उनकी पत्नी, दोनों बच्चे और पिता प्रकाश रस्तोगी शामिल हैं। तीसरी मंजिल के कमरों व स्टोर में कपड़े, बर्तन व अन्य कीमती सामान रखा था। फर्नीचर, फ्रीज, बेड, शोफा, टीवी, कपड़े, रजाई-गद्दे समेत अन्य सामान जल गया है। आग से लगभग तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
कर्मियों ने खुद की चिंता छोड़ पीड़ितों को किया सुरक्षित
मुख्य अग्निशमन अधिकारी केके ओझा ने बताया कि मकान में 12 लोग फंसे थे, इन्हें सुरक्षित बचाया गया है। आग का मंजर इतना भयावह था कि मकान में फंसे लोग बचाव के लिए चिल्ला रहे थे। भवन में धुआं भर था। सकरी गली वाले मकान के आसपास के घरों के प्रभावित होने की सभावना हो गई थी। लोग अपने घरों से बाहर सड़क पर आ गए थे। जिस घर में आग लगी थी, वह काफी पुराना है। छत लकड़ी की बल्लियों के सहारे थी। बल्लियां जल गईं।
दूसरी व तीसरी मंजिल के छज्जों की लकड़ी की बल्लियां जलने से आग का लावा नीचे गिर रहा था। अग्निशमन अधिकारी ज्ञान प्रकाश शर्मा ने बताया, घटनास्थल काफी सकरी गली में था। रास्ते के दोनों दिश के मकान के छज्जे पास में जुड़े थे। मौके पर पहुंचने का रास्ता ऐसा था कि बाइक तक मुड़ नहीं सकती थी। ऐसे में घटनास्थल से 300 मीटर दूर अग्निशमन वाहन खड़े कर 400 मीटर तक पाइप बिछानी पड़ी।