मुरादाबाद पहुंचीं अभिनेत्री अमीषा पटेल, कोर्ट में दाखिल किया अग्रिम जमानत पत्र

Moradabad, Manoj Kashyap: बॉलीबुड एक्ट्रेस अमीषा पटेल मंगलवार को न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में हाजिर हुईं और उन्होंने कोर्ट में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया। अमीषा यहां एक फर्जीवाड़े के मुकदमे में सम्मन जारी होने पर आई थीं। अभिनेत्री से संबंधित मामला एसीजेएम कोर्ट नंबर-दो में विचाराधीन है। अमीषा की तरफ से प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि संबंधित परिवाद में उन्हें झूठा एवं रंजिशन फंसाया गया है।

अभिनेत्री ने जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए कहा है कि उनके बैंक खाते में किसी प्रकार के पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ है। वादी द्वारा रुपये राजकुमार गोस्वामी के खाते में भेजे गए होंगे, न कि उनके खाते में। लेकिन, माननीय न्यायालय ने इस तथ्य की अनदेखी करके संबंधित आदेश पारित कर उन्हें तलब किया है। अमीषा ने कहा है कि उनके विरुद्ध वारंट चल रहे हैं जिस कारण उन्हें उनकी गिरफ्तारी की आशंका है। इसलिए वह अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दे रही हैं।

अमीषा ने मामले से इनकार करते हुए कहा है कि परिवादी पवन कुमार वर्मा से न तो उनकी कभी कोई डील हुई और न ही रुपये का लेनदेन और न ही डांस करने को लेकर कभी कोई बातचीत। उन्होंने ये भी कहा है कि पवन कुमार वर्मा की तरफ से जो भी रुपये दिए गए वह राजकुमार गोस्वामी के खाते में भेजे गए। जिस कार्यक्रम के लिए रुपये दिए गए, उसके कोई भी संविदा उनसे नहीं की गई थी। अमीषा ने यह भी कहा है कि वह राजकुमार गोस्वामी को जानती तक नहीं हैं और न ही कभी उनसे मुलाकात हुई है। इस मामले में अभिनेत्री के अधिवक्ता अभिषेक कुमार शर्मा ने बताया कि अमीष पटेल के विरुद्ध कोर्ट ने सम्मन जारी किया था।

यह था मामला
मुरादाबाद निवासी पवन कुमार वर्मा ड्रीम विजन के नाम से इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाते हैं। इनका आरोप है कि उनके ग्राहक आयुष अग्रवाल की शादी में 16 नवंबर 2017 को डांस करने के लिए उन्होंने अमीषा पटेल को 11 लाख रुपये में बुलाया था। इस तिथि से पहले 11 लाख रुपये उनसे विपक्षी राजकुमार ने प्राप्त कर लिए थे। पवन कुमार वर्मा का कहना है कि बातचीत होने के बाद उन्होंने अमीषा के रुकने-ठहरने का भी इंतजाम कर लिया था। इसके बाद विपक्षी अहमद शरीफ, सुरेश परमार व राजकुमार गोस्वामी ने कहा कि दो लाख रुपये अलग से और अदा करो तभी अमीषा डांस के लिए आएंगी। लेकिन, वह नहीं आई थीं और उनके रुपये भी नहीं लौटाए गए। इस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनवाई करते हुए 11 फरवरी 2019 को तीनों आरोपियों को न्यायालय में तलब किया था।

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