रवि बाबू, संसार टुडे। उप कृषि निदेशक अमरोहा डॉ राम प्रवेश ने बताया कि अब पेंशनर्स भी किसान सम्मान निधि पा सकते हैं, लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि मासिक पेंशन 10,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा अब परिवार में एक ही व्यक्ति को पीएम किसान सम्मान निधि मिलेगी। कहा, प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना के अंतर्गत नया पंजीकरण हेतु पात्रता में वह भूतपूर्व अथवा वर्तमान सवैधानिक पदधारक नहीं होना चाहिए। भूतपूर्व अथवा वर्तमान मंत्री/राज्य मंत्री या भूतपूर्व मंत्री नहीं होना चाहिए। वर्तमान सदस्य लोक सभा / राज्य सभा / राज्य विधान सभा/राज्य विधान परिषद् या भूतपूर्व अथवा वर्तमान नगर महापालिका के मेयर या भूतपूर्व अथवा वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं होना चाहिए।
वकील भी नहीं है सम्मान निधि के हकदार
केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालय/विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी केंद्र और राज्य सरकार सहायतित अर्थ सहकारी संस्थान तथा सरकार से सम्बद्ध समस्त कार्यालय/ स्वायत्तशाही संस्थान तथा स्थानीय निकायों के नियमित कार्मिक (चतुर्थ श्रेणी/ समूह-घ के कार्मिकों को छोड़कर) नहीं होना चाहिए। विगत कर निर्धारण वर्ष में आयकर का भुगतान नहीं किया गया हो। मासिक पेंशन 10000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए (चतुर्थ श्रेणी/ समूह-घ के सेवानिवृत्त को छोड़कर)। आवेदक पेशेवर डॉक्टर/ इंजीनियर, अधिवक्ता/ चार्टर्ड अकाउंटेंट अथवा आर्किटेक्ट इत्यादि की श्रेणी में नहीं होना चाहिए और अपने से संबंधित पेशे के लिए पंजीकरण करने वाली सस्था में पंजीकृत नहीं होना चाहिए तथा तदनुसार अपने पेशे में कार्यरत नहीं होना चाहिए।
पति-पत्नी एवं नाबालिग बच्चे में से एक ही पात्र
पति-पत्नी एवं नाबालिग बच्चे में से मात्र एक व्यक्ति ही पात्र होता है।यदि घर में बालिग बेटा अथवा बेटी है और भूमि दिनांक 01-02-2019 से पहले खरीदी है या पिता की मृत्यु के बाद विरासत से आई है। ऐसे किसान जन सेवा केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। 01-02-2019 के बाद भूमिहीन व्यक्ति द्वारा यदि जमीन क्रय, बैनामा, दान एवं उपहार द्वारा प्राप्त की गयी है, तो वह अपात्र है। ऐसे कृषक जिन्होंने वर्ष 2019 में या उसके बाद जन सेवा केंद्र एवं स्वयं से पंजीकरण कराए थे। उनमें से कुछ का डाटा कमियों के कारण तहसील एवं कृषि विभाग द्वारा रिजेक्ट कर वापस किया जा रहा है, क्योंकि उस समय आधार, भूलेख एवं बैंक खाता विवरण अपलोड करने की व्यवस्था नहीं थी। कुछ डाटा में आधार एवं खतौनी अपठनीय होने के कारण भी रिजेक्ट कर वापस भेजा जा रहा है। ऐसे कृषक को जन सेवा केंद्र पर जाकर अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर का प्रयोग करते हुए जन सेवा केंद्र पर ही साफ-साफ आधार एवं खतौनी अपलोड कराना है।