National Unity Day: राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि इस बार राष्ट्रीय एकता दिवस एक अद्भुत संयोग लेकर आया है। एक तरफ आज हम एकता का पर्व मना रहे हैं तो दूसरी तरफ दिवाली का भी पर्व है। दिवाली दीयों के माध्यम से पूरे देश को जोड़ती है, पूरे देश को रोशन करती है और अब दिवाली का पर्व भारत को दुनिया से भी जोड़ रहा है। कई देशों में इसे राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। मैं देश और दुनिया में रहने वाले सभी भारतीयों और भारत के शुभचिंतकों को दिवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।”
प्रधानमंत्री गुजरात के केवडिया में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ परेड को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय वायु सेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम के एयर शो का भी अवलोकन किया। यहां उन्होंने कहा, “सरदार पटेल की ओजस्वी आवाज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास ये भव्य कार्यक्रम, एकता नगर का ये मनोरम दृश्य और यहां की अद्भुत प्रस्तुतियां, लघु भारत की ये झलकियां, सब कुछ इतना अद्भुत है, इतना प्रेरक है। 15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह ही 31 अक्टूबर का ये आयोजन पूरे देश को नई ऊर्जा से भर देता है।
उन्होंने कहा, “आज सरदार पटेल की 150वीं जयंती का वर्ष शुरू हो रहा है और देश अगले दो वर्षों तक इस मील के पत्थर का जश्न मनाएगा। यह भारत के लिए उनके असाधारण योगदान के लिए एक श्रद्धांजलि है। यह अवधि उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के सम्मान से भरी होगी और सरकार की हर पहल और मिशन में राष्ट्रीय एकता झलकेगी। जब भारत को आजादी मिली, तो दुनिया में कुछ लोग थे जो अनुमान लगा रहे थे कि भारत बिखर जाएगा। उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी कि सैकड़ों रियासतों को मिलाकर एक अखंड भारत बनाया जा सकता है, लेकिन सरदार साहब ने यह कर दिखाया। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि सरदार साहब अपने व्यवहार में यथार्थवादी थे, अपने संकल्प में सत्यवादी थे, अपने कार्यों में मानवतावादी थे और अपने उद्देश्य में राष्ट्रवादी थे।”
कहा, “पिछले 10 साल भारत की एकता और अखंडता के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरे रहे हैं। आज सरकार के हर काम, हर मिशन में राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई देती है> सच्चे भारतीय होने के नाते, यह हमारा कर्तव्य है कि हम राष्ट्रीय एकता की दिशा में किए गए हर प्रयास का उत्साह और ऊर्जा के साथ जश्न मनाएं, नए संकल्पों, आशाओं और उत्साह को मजबूत करें। यही सच्चा उत्सव है। भारत की भाषाओं को बढ़ावा देकर हम एकता के बंधन को मजबूत करते हैं। नई शिक्षा नीति इसका ज्वलंत उदाहरण है, जिसे राष्ट्र ने गर्व के साथ अपनाया है।”
आज हम सभी वन नेशन आइडेंटिटी- आधार की सफलता देख रहे हैं और दुनिया भी इसकी चर्चा कर रही है। पहले भारत में अलग-अलग टैक्स व्यवस्थाएं थीं, लेकिन हमने वन नेशन वन टैक्स सिस्टम- GST बनाया। हमने वन नेशन वन पावर ग्रिड से देश के पावर सेक्टर को मजबूत किया। हमने वन नेशन वन राशन कार्ड के जरिए गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं को एकीकृत किया। हमने आयुष्मान भारत के रूप में वन नेशन वन हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा देश के लोगों को दी है। एकता के हमारे इन्हीं प्रयासों के तहत अब हम वन नेशन वन इलेक्शन की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा, जिससे भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा और विकसित भारत के सपने को साकार करने में देश को नई गति मिलेगी। आज भारत वन नेशन वन सिविल कोड यानि धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की तरफ बढ़ रहा है।
हम अब एक राष्ट्र एक चुनाव की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा, भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा और देश विकसित भारत के सपने को साकार करने में नई गति प्राप्त करेगा। आज भारत एक राष्ट्र एक नागरिक संहिता यानी धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ रहा है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज पूरा देश खुश है कि आजादी के सात दशक बाद एक देश और एक संविधान का संकल्प पूरा हुआ है। यह सरदार साहब को मेरी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। 70 साल तक बाबा साहब अंबेडकर का संविधान पूरे देश में लागू नहीं हुआ। संविधान का नाम जपने वालों ने इसका कितना अपमान किया था। वजह थी जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की दीवार। अनुच्छेद 370 को हमेशा के लिए दफन कर दिया गया है। पहली बार इस विधानसभा चुनाव में बिना भेदभाव के मतदान हुआ। पहली बार वहां के मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान की शपथ ली है। इस दृश्य ने भारतीय संविधान के निर्माताओं को बहुत संतोष दिया होगा, उनकी आत्मा को शांति मिली होगी और यह संविधान निर्माताओं को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों ने अलगाववाद और आतंकवाद के सदियों पुराने एजेंडे को नकार दिया है। उन्होंने भारत के संविधान, भारत के लोकतंत्र को विजयी बनाया है। उन्होंने अपने वोट से 70 साल से चल रहे दुष्प्रचार को खत्म कर दिया है। आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को नमन करता हूं। पिछले दस सालों में भारत ने कई ऐसे मुद्दों को सुलझाया है जो राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा थे। आतंकवादियों के ‘आकाओं’ को अब पता है कि भारत को नुकसान पहुंचाने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि भारत उन्हें नहीं छोड़ेगा। पूर्वोत्तर ने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन हमने संवाद, विश्वास और विकास के जरिए अलगाववाद की आग को बुझाया है। बोडो और ब्रू-रियांग समझौतों ने शांति और स्थिरता स्थापित की है। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के समझौते ने लंबे समय से चली आ रही अशांति को खत्म किया है। भारत शांति, विकास और समृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है। हमने असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद को काफी हद तक सुलझा लिया है। जब 21वीं सदी का इतिहास लिखा जाएगा, तो उसमें एक अध्याय यह भी होगा कि भारत ने नक्सलवाद की बीमारी को कैसे जड़ से उखाड़ फेंका।
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आज हमारे सामने एक ऐसा भारत है जिसके पास विजन भी है, दिशा भी है और संकल्प भी। ऐसा भारत जो सशक्त भी हो और समावेशी भी, जो संवेदनशील भी हो और सतर्क भी, जो विनम्र भी हो और विकास की राह पर भी हो, जो शक्ति और शांति, दोनों का महत्व जानता हो। विश्व में जब भीषण उथल-पुथल मची हो, तब सबसे तेज गति से विकास करना सामान्य नहीं है। युद्ध में बुद्ध के संदेशों का संचार करना सामान्य नहीं है। जब दुनिया के अलग-अलग देशों में संबंधों का संकट हो, तब भारत का विश्वबंधु के रूप में उभरना सामान्य नहीं है। जब दुनिया में एक देश से दूसरे देश की दूरियां बढ़ रही हों, तब दुनिया के देश भारत के करीब आ रहे हों। ये सामान्य नहीं है, ये एक नया इतिहास रचा जा रहा है। आज दुनिया देख रही है कि भारत कैसे दृढ़ संकल्प के साथ अपनी समस्याओं का समाधान कर रहा है।