Moradabad News: कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी और उनकी पत्नी आभा चौधरी ने एक धोखाधड़ी एवं ठगी के मामले में एसीजेएम 6 के यहां आत्मसमर्पण किया है। बताया जा रहा है कि इन दोनों के विरुद्ध वर्ष 2016 में न्यायालय के आदेश पर मझोला थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। उस समय सचिन चौधरी आराध्यम सिटी के डायरेक्टर हुआ करते थे।
वर्तमान में अब उनकी पत्नी डायरेक्टर हैं। इस मामले में वादी शहजाद ने 12 लाख रुपये लेने के बाद भी फ्लैट न देने का आरोप लगाया था। इस प्रकरण में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सचिन चौधरी व उनकी पत्नी आभा चौधरी के विरुद्ध न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसी मामले में आरोपी दंपति ने गुरुवार को जिला एवं अपर न्यायाधीश कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है। सचिन चौधरी करीब 6 घंटे न्यायिक अभिरक्षा में रहे। बाद में कोर्ट ने उन्हें 20-20 हजार रुपये के बंध पत्र दाखिल करने पर कोर्ट ने रिहा किया।
माननीय न्यायालय का आदेश था इसलिए आए थे : सचिन चौधरी
कांग्रेस नेता सचिन चौधरी ने कहा कि माननीय न्यायालय का एक आदेश था उसके लिए हम आए थे। मुझे इतनी जानकारी नहीं है की माननीय न्यायालय ने मुझे किसलिए बुलाया था। बोले- धोखाधड़ी का मामला नहीं था।
मीडिया के सवाल पर बोले केस क्या था वारंट क्यों थे हंस कर बोले सब हम सब लोग आए हैं। धोखाधड़ी का कुछ मामला नहीं है बस हो गया। एक नॉर्मल प्रोसेस होता है वह हो गया कोर्ट का। माननीय न्यायालय बुलाता है तो आना होता है। सचिन ने आरोप लगाया कि एक लड़का है शहजाद, राशिद, बिलाल, फराज, यह लोग है जो हमारे परिवार से 60 लाख रुपए की डिमांड कर रहे हैं हमने उसके लिए कप्तान साहब और डीआईजी के यहां एप्लीकेशन दी है। मीडिया ने सवाल किया किस बात के पैसे है तो सचिन चौधरी बोले- यह तो वी जानें।