अमरोहा से रिपोर्ट: इरफान अहमद
Amroha Dhaolak: देश में एक तरफ जहां हिंदू जय श्रीराम का नारा नहीं लगाने पर मुसलमानों के कई बार दुश्मन बन जाते हैं। वे उनकी जान तक ले ले हैं तो वहीं अमरोहा की विश्व प्रसिद्ध ढोलक पर जय श्रीराम लिखने वाले किफायततुल्ला हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहे हैं। उनके हाथों जय श्रीराम लिखी ढोलक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेंट की जा चुकी है।
शाहिद हुसैन के पुत्र 35 वर्षीय किफायततुल्ला गांव कांकर सराय के रहने वाले हैं। वह ढोलक, नाल, तबला समेत फर्नीचर के अन्य आइटम के कारीगर हैं। ढोलकों पर कार्विंग के पेश से करीब 20 वर्ष से जुड़े हुए हैं। वह बताते हैं कि इस पेशे को लेकर कई बार लोगों ने उन पर तंज भी कसे। लेकिन वह अपने काम को बखूबी अंजाम देने में जुटे हैं। वह कांकर सराय में शनिवार के बाजार के सामने टूटी-फूटी दुकान में ढोलकों व अन्य वाद्य यंत्रों पर कार्विंग करते हैं। वह ढोलकों पर कमल का फूल, साड़ी की बेल, मोर की आकृति, पशु-पक्षियों के चित्र उकेरते हैं। इन डिजाइन को उकेरने से पहले वह गत्ते पर कटिंग करते हैं। इसके बाद ऑर्डर पर बनने के लिए आई ढोलक, नाल, तबले पर इन आकृतियों की कार्विंग करते हैं, उनकी कारीगरी ढोलक के कारोबारों को खूब पसंद आती है। उनके द्वारा आकृतियां उकेरी हुईं ढोलक, तबले देश भर के साथ विदेश तक में जाते हैं।
वह बताते हैं कि इन दिन बाजार में जय श्रीराम लिखी ढोलक खूब पसंद की जा रही है। इसलिए कारोबारी ढोलकों पर जय श्रीराम, ओम लिखने के उन्हें ऑर्डर दे रहे हैं। इन दोनों शब्दों को लिखने के लिए किफायततुल्ला को किसी से सीखने की जरूरत नहीं पड़ी। हालांकि वह जूनियर कक्षा तक ही पढ़े-लिखे हैं। लेकिन कला के क्षेत्र में उन्हें महारत हासिल है। अब वह ढोलकों पर जय श्रीराम और ऊं शब्द उकेर रहे हैं।
ढोलक बजाकर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस प्रत्याशी पर साधा था निशाना
अमरोहा की औद्योगिक नगरी गजरौला में 19 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा प्रत्याशी कंवर सिंह तंवर के समर्थन में जनसभा की थी। यहां मंच पर पहुंचते ही भाजपा पदाधिकारियों ने पीएम मोदी को जय श्रीराम लिखी ढोलक भेंट की थी। उस ढोलक पर भी जय श्रीराम लिखने वाले किफायततुल्ला ही हैं। इस ढोलक को बजाकर प्रधानमंत्री ने सांसद और कांग्रेस प्रत्याशी दानिश अली पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अमरोहा की जनता ढोलक बजाकर उनकी विदाई करने वाली है।