इस्लामाबाद। भ्रष्टाचार के एक मामले में देश की शीर्ष भ्रष्टाचार रोधी जांच एजेंसी के सामने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पेशी से कुछ घंटे पहले, पाकिस्तान सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी कानूनों में रातोंरात बदलाव कर उन्हें और अधिक सख्त बना दिया है।
ज़ियारत के लिए गए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की अनुपस्थिति में उनका कामकाज संभाल रहे सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को जांच अवधि के दौरान एक संदिग्ध को गिरफ्तार करने और एनएबी अदालत को भी किसी संदिग्ध को गिरफ्तारी के बाद पहले के 15 दिनों के बजाय अब 30 दिनों की हिरासत में भेजने के प्रावधान की अनुमति का अधिकार देने के लिए एक अध्यादेश जारी किया।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर यह अध्यादेश जारी किया गया। संजरानी द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया, सारांश के पैरा 6 में प्रधानमंत्री के सुझाव को अनुमोदित किया जाता है। राष्ट्रीय जवाबदेही (संशोधन) अध्यादेश, 2023 पर हस्ताक्षर के साथ इसे लागू कर दिया गया है।
ये बदलाव आधी रात के आसपास और खान के एनएबी के सामने पेश होने से कुछ घंटे पहले किए गए थे। खान (70) अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ लाहौर से इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए क्योंकि दोनों को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में एनएबी के सामने पेश होना था।
उनकी मीडिया टीम ने एक व्हाट्सऐप संदेश में यह जानकारी दी। अल-कादिर ट्रस्ट मामला कम से कम 50 अरब रुपये के भ्रष्टाचार का है। खान ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और सरकार पर राजनीतिक कारणों से उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगाया है।